देश में थोक महंगाई दर के आंकड़े में इजाफा देखा गया है और ये 15 महीने की ऊंचाई पर आ गई है. मई 2024 में थोक महंगाई दर 2.61 फीसदी पर आई है जबकि इससे पिछले महीने यानी अप्रैल 2024 में थोक महंगाई दर 1.26 फीसदी पर रही थी. वही एक साल पहले की समान अवधि यानी मई 2023 में ये -3.8 फीसदी पर रही थी. आज आया थोक महंगाई दर का डेटा फरवरी 2023 के बाद से सबसे ज्यादा है.
खाने-पीने के सामान महंगे होने से बढ़ी थोक महंगाई दर
खाने-पीने के सामान खासकर सब्जियों और मैन्यूफैक्चर्ड गुड्स की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक महंगाई दर मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 फीसदी हो गई है. थोक मूल्य सूचकांक-होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर अप्रैल में 1.26 फीसदी थी. मई 2023 में यह शून्य से नीचे 3.61 फीसदी रही थी.
रिटेल महंगाई दर घट रही तो थोक महंगाई दर बढ़ने से हैरानी
मई में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी मई के रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों के विपरीत है. इस हफ्ते की शुरुआत में जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है जो एक साल का सबसे निचला स्तर है.
क्यों बढ़ी है थोक महंगाई दर-जानिए मंत्रालय का जवाब
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “मई 2024 में महंगाई दर बढ़ने की मुख्य वजह खाने-पीने के सामान के दाम, फूड आर्टिकल्स की मैन्यूफैक्चरिंग महंगी, कच्चे पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, मिनिरल, ऑयल एंड मैन्यूफैक्चरिंग आदि की कीमतों में बढ़ोतरी रही है.”
खाने-पीने के सामान की महंगाई दर बढ़ी
WPI आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 9.82 फीसदी बढ़ी है जबकि अप्रैल में यह 7.74 फीसदी थी. मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 फीसदी रही, जो अप्रैल में 23.60 फीसदी थी. प्याज की महंगाई दर 58.05 फीसदी, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 फीसदी रही. दालों की महंगाई दर मई में 21.95 फीसदी रही.
फ्यूल एंड पावर सेक्टर की महंगाई दर
फ्यूल एंड पावर सेक्टर में महंगाई दर 1.35 फीसदी रही है जो अप्रैल के 1.38 फीसदी से मामूली कम रही है. मैन्यूफैक्चर्ड गुड्स में महंगाई दर 0.78 फीसदी रही, जो अप्रैल में शून्य से नीचे 0.42 फीसदी थी.
RBI रखता है महंगाई दर के आंकड़ों पर नजर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मॉनिटरी पॉलिसी तैयार करते समय मुख्य रूप से रिटेल महंगाई दर को ध्यान में रखता है. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर को बरकरार रखने का फैसला किया था.